जल शक्ति मंत्रालय से ईसरदा बांध प्रोजेक्ट की ड्राइंग व डिजायन को नहीं मिल पायी फाइनल मंजूरी, लेट होगा

जयपुर व दौसा के कई इलाकों को पेयजल सप्लाई करने के लिए बनाए जा रहे ईसरदा बांध प्रोजेक्ट की ड्राइंग व डिजायन को केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की फाइनल मंजूरी नहीं मिल पाई है। 



प्रोजेक्ट की कुछ प्रस्तावों को मंजूरी मिलने से नदी से पानी निकालने शुरु किया है। हालांकि फाइनल ड्राइंग व डिजायन आने के बाद ही सिविल कार्य शुरु होगा। बांध को 2022 में बनाने का टारगेट रखा है। बांध बनाने का वर्क ऑर्डर ओम मेटल्स कंपनी को दिया है। ईसरदा बांध बनास नदी पर बना हुआ है। अब इसका कायाकल्प करते हुई विस्तार किया जा रहा है।


बांध पर करोड़ एक हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। अच्छा मानसून के कारण इस साल बीसलपुर बांध में पानी की अच्छी आवक हुआ तथा करीब दो महीने तक बांध के गेट खोलकर बांध डाउन स्ट्रीम में छोडना पड़ा। ईसरदा बांध प्रोजेक्ट पर काम नहीं होने के कारण बीसलपुर बांध से छोड़ा गया पानी बनास के जरिए चंबल में बह गया।


जल संसाधन विभाग ने 5 साल पहले पहले 1856 करोड़ का बजट बनाकर जलदाय विभाग (पीएचईडी) को सौंप दिया था। लेकिन सालों तक मामला फाइलों में उलझा रहा। अब बांध के टेंडर होने के बाद वर्कऑर्डर हो गया। लेकिन फील्ड में काम नहीं हो पा रहा है।


कंपनी ने शुरु किया पानी हटाने का काम, ताकि मंजूरी मिलते ही फील्म में काम हो सके


हालांकि कंपनी ने आसपास का पानी हटाने का काम शुरु कर दिया है, ताकि जलशक्ति मंत्रालय की मंजूरी मिलते ही फील्ड में काम हो सके। ईसरदा से दौसा के साथ ही जयपुर के बस्सी सहित अन्य कस्बों को पानी दिया जा सकगा, ताकि बीसलपुर बांध से शहर को पूरा पानी मिल सके। इससे शहर में जगतपुरा, पृथ्वीराज नगर, खोनागोरियां, जामडोली, आमेर, मल्टी स्टोरी बिल्डिंग व बाहरी इलाकों की 2000 कॉलोनियों में पेयजल समस्या का समाधान हो सकता है। ईसरदा बांध को केवल पेयजल सप्लाई में उपयोग लेने के लिए बनाया जाना है।